Antarjatiya Vivah Protsahan Yojana 2024 : सामाजिक, न्याय और अधिकारिता मंत्रालय केंद्र सरकार ने हाल ही में डॉक्टर बी आर अंबेडकर योजना अंतर्जातीय विवाह के माध्यम से सामाजिक एकता के लिए शीर्षक के तहत 1 महत्वपूर्ण पहल की है। इसके तहत सरकार 2 लाख 50 हजार रूपए की सहायता प्रदान करेगी। जब किसी जोड़े में दूल्हा या दुल्हन दलित होते हैं। इसके अलावा, सरकार ने प्रति वर्ष की आय सीमा को 5 लाख रुपए से बढ़ावा दिया है। यह योजना सभी के लिए खोली गई है और अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहित करने का प्रयास है। सामाजिक एकीकरण योजना के इस संशोधन से समस्याओं का समाधान किया जाएगा और ब्लॉक स्तर पर भी इसकी जागरूकता फैलाई जाएगी। केंद्र सरकार अब जाति व्यवस्था और सजातीय विवाह को समाप्त करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा रही है।
आज की इस पोस्ट के माध्यम से इस योजना के बारे में सभी सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने वाले हैं जैसे antarjatiya vivah protsahan yojana क्या है, इसके लाभ, इस योजना का उद्देश्य, पात्रता, जरुरी दस्तावेज और आवेदन प्रक्रिया आदि। इस योजना से सम्बंधित सभी प्रकार की महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें।
Antarjatiya Vivah Protsahan Yojana 2024 Overview
योजना का नाम | बिहार अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना |
किसने शुरू किया | बिहार सरकार |
लाभार्थी | अंतरजातीय विवाह करने वाले नव-विवाहित जोड़ें |
उद्देश्य | अंतरजातीय विवाह को आर्थिक सहायता द्वारा प्रत्साहित करना |
सहायता राशि | 2.5 लाख |
राज्य | बिहार |
आवेदन का प्रकार | ऑनलाइन /ऑफलाइन |
वर्ष | 2024 |
आधिकारिक वेबसाइट | http://ambedkarfoundation.nic.in/ |
बिहार अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के लिये पात्रता
अंतर्जातीय विवाह योजना से 2 लाख 50 हजार रुपए प्राप्त करने के लिए सरकार ने कुछ महत्वपूर्ण बिंदु है, जो आपको पता होने चाहिए, जो इस प्रकार है
- इस विवाह योजना का मुख्य उद्देश्य सामाजिक सद्भाव की प्रोत्साहना है और विवाहित जीवन के प्रारंभिक चरण में जोडों को घर बसाने में मदद करना है।
- इस योजना का लाभ उठाने के लिए यह जरूरी है कि यह जोड़ा पहली शादी कर रहा हो।
3.विवाह हिंदू विवाह अधिनियम के तहत पंजीकृत होना चाहिए और जोड़ों को 1 वर्ष के भीतर योजना प्रस्तुत करनी होगी।
4.केंद्र सरकार अब यह शर्त हटा देती है कि नवविवाहित जोड़ा की कुल आय 5 लाख रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए। इससे इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आय सीमा की कोई शर्त नहीं है।
- अब हर जोड़ा, जिसमें दूल्हा या दुल्हन में से कोई 1 दलित है, 2 लाख 50 हजार रुपए प्राप्त करेगा।
- वे इस राशि को प्राप्त करने के लिए संबंधित मंत्रालय को आधार विवरण और उनके संयुक्त बैंक खाते, जो आधार से जुड़ा होना चाहिए, जमा कर सकते हैं।
- इसके अलावा प्रत्येक राज्य के लिए लक्ष्य राज्यों में रहने वाले अनुसूचित जातियों के अनुपात को निर्धारित किया गया है। लेकिन अनुमोदन देते समय राज्य अपनी सीमा को पार कर सकते हैं।
अंतर्जातीय विवाह योजना के लाभ
चलिए अब जान लेते हैं अंतर्जातीय विवाह योजना के 5 फायदे, क्या क्या है इसके बारे में।
- नंबर 1 अलग संस्कृतियों को समझने का अवसर सजातीय विवाह में विवाहितों की संस्कृति समान होती है, जिससे केवल उन्हें अपनी संस्कृतियों को समझने का मौका मिलता है।
- नंबर 2 सरकारी सहायता सरकार यदि 2 युवाओं की इच्छा के मुताबिक अंतर्जातीय विवाह को समर्थन देती है तो वह उनकी सहायता करती है।
- नंबर 3 जातिवाद का नाश अंतरजातीय विवाह के माध्यम से जातिवादी धारा को तोड़ने का प्रयास होता है।
- नंबर 4 अनुवांशिक रोगों से छुटकारा अंतर्जातीय विवाह अनुवांशिक रोगों के प्रचलन को कम कर सकता है।
- नंबर 5 ऐक्षिक विवाह से जीवन में शांति, अंतरजातीय विवाह जीवन में खुशहाली और शांति का 1 माध्यम हो सकता है।
बिहार अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना का उद्देश्य
सामाजिक न्याय और समानता को बढ़ावा देना:
यह योजना समाज में जातिवाद और सामाजिक भेदभाव को कम करने का प्रयास करती है। विभिन्न जातियों के बीच विवाह को प्रोत्साहित करके, यह योजना सामाजिक समरसता और एकता को बढ़ावा देती है।
महिला सशक्तिकरण:
यह योजना महिलाओं, विशेष रूप से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की महिलाओं को सशक्त बनाने में मदद करती है। अंतरजातीय विवाह से महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा मिलती है, और उन्हें अपने जीवन पर अधिक नियंत्रण प्राप्त करने में मदद मिलती है।
गरीबी उन्मूलन:
अंतर्जातीय विवाह से गरीबी कम करने में भी मदद मिल सकती है। जब विभिन्न जातियों के लोग विवाह करते हैं, तो वे अपनी सामाजिक-आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए मिलकर काम कर सकते हैं।
जनसंख्या नियंत्रण:
यह योजना जनसंख्या नियंत्रण में भी योगदान दे सकती है। अध्ययनों से पता चला है कि अंतरजातीय विवाह वाले जोड़े कम संतान पैदा करते हैं।
सांस्कृतिक विविधता को बढ़ावा देना:
अंतर्जातीय विवाह विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं के बीच मेलजोल को बढ़ावा देता है, जिससे समाज समृद्ध और अधिक विविधतापूर्ण बनता है।
लैंगिक समानता:
यह योजना लैंगिक समानता को भी बढ़ावा देती है। अंतरजातीय विवाह से लैंगिक रूढ़ियों को तोड़ने और पुरुषों और महिलाओं के बीच समान अधिकारों को बढ़ावा देने में मदद मिलती है।
अंतरजातीय विवाह योजना पात्रता क्या है?
इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए नव विवाहित जोड़ों को अपने ज्वाइंट बैंक खाते के विवरण भी प्रदान करनी होगी। ताकि योजना के तहत राशि उनके खाते में स्थान पा सके। इस योजना में शामिल होने वाले लोगों को 2 लाख 50 हजार रूपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। लेकिन इसके लिए जोड़े की जाति अलग अलग होनी चाहिए। इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए विवाह को हिंदू विवाह अधिनियम 1955 के तहत पंजीकृत किया जाना चाहिए। इस योजना के तहत शादी पहले होनी चाहिए। दूसरी शादी करने पर योजना का लाभ नहीं मिलेगा। इस योजना में एक और बात ध्यान देनी चाहिए की अगर आपको पहले से कोई सहायता राशि मिल चुकी है तो 2 लाख 50 हजार रुपए में से उतनी राशि कम कर दी जा सकती है। इस योजना में सबसे पहले जो भी नवविवाहित जोड़ा है उसमें से जिसकी जाति दलित या अनुसूचित है उसे अपनी जाति के प्रमाण पत्र की आवश्यकता होगी। इस योजना में लाभार्थी को आवेदन पत्र के साथ शादी का प्रमाण पत्र भी जमा करना होगा। जिसमें दंपति को कानूनन विवाहित होने का सबूत देना होगा
अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज
- आवेदन पत्र
- विवाह प्रमाण पत्र
- जाति प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र
- निवास प्रमाण पत्र
- आयु प्रमाण पत्र
- पासपोर्ट आकार के फोटो
- स्वघोषणा पत्र
- विधवा/विधुर होने पर मृत्यु प्रमाण पत्र,
- विकलांगता प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)।
अंतर्जातीय विवाह लाभ के लिए आवेदन कैसे करें?
📌 योजना के लिए आवेदन पत्र बिहार सामाजिक न्याय विभाग की वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है।
📌 आप इसे जिला सामाजिक न्याय कार्यालय से भी प्राप्त कर सकते हैं।
📌 ऊपर बताई गई सभी आवश्यक दस्तावेजों की लिस्ट की फोटोकॉपी जमा करें।
📌 आवेदन पत्र जमा करें
📌 भरे हुए आवेदन पत्र और सभी दस्तावेजों के साथ जिला सामाजिक न्याय कार्यालय में जाएं।
📌 आवेदन शुल्क का भुगतान करें।
📌 आवेदन पत्र जमा करें और प्राप्ति रसीद प्राप्त करें।
📌 विभाग द्वारा आपके आवेदन और दस्तावेजों का सत्यापन किया जाएगा।
📌 यदि सब कुछ सही पाया जाता है, तो आपकी प्रोत्साहन राशि स्वीकृत कर दी जाएगी।
📌 प्रोत्साहन राशि का भुगतान
📌 स्वीकृत राशि आपके बैंक खाते में सीधे जमा की जाएगी।
निष्कर्ष :
आज की पोस्ट में हमने बिहार अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना (Antarjatiya Vivah Protsahan Yojana 2024) के बारे में जाना की कैसे हम ये योजना का लाभ उठा सकते है और 2,50,000 तक की राशि पा सकते है। इस योजना के लिये अप्लाई कसीसे करें, क्या है जरूरी दस्तावेज, क्या है पात्रता ये सभी आज की पोस्ट के माध्यम से बताया है। उम्मीद है की आपको आज की पोस्ट पसंद आई होगी।
FAQS: Antarjatiya Vivah Protsahan Yojana 2024
अंतर जाति विवाह के लिए मुझे 2.5 लाख कैसे मिल सकते हैं?
बिहार में अंतर जाति विवाह योजना के तहत विवाह के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना के तहत अल्पसंख्यक समुदायों के बीच विवाह को प्रोत्साहन दिया जाता है और विवाह में वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
बिहार अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना एप्लीकेशन फॉर्म कैसे भरें?
बिहार अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के लिए आवेदन फॉर्म आप बिहार सरकार की आधिकारिक वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं। फॉर्म में आवश्यक जानकारी जैसे व्यक्तिगत और पारिवारिक विवरण, विवाह की तिथि और बैंक खाता आदि भरने के बाद आवेदन कर सकते हैं।
अंतर्जातीय विवाह लाभ के लिए आवेदन कैसे करें?
अंतर्जातीय विवाह लाभ के लिए आपको बिहार सरकार की आधिकारिक वेबसाइट से योजना के अनुसार आवेदन फॉर्म डाउनलोड करना होगा। फॉर्म में आवश्यक जानकारी भरकर आवेदन को सम्पूर्ण दस्तावेजों के साथ जमा करना होगा, जैसे जाति प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, विवाह प्रमाण पत्र, और बैंक खाता आदि।